प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए आंदोलन करें -फग्गन सिंह

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जयपुर। केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का कहना है कि जिस तरह से सरकार लगातार निजीकरण करती जा रही है और प्राइवेट क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है ।इसके साथ ही आरक्षित जातियों को इनमें आरक्षण देना भी निश्चित किया जाना चाहिए और प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए आरक्षित जातियों को आंदोलन खड़ा करना पड़ेगा । जब तक आदिवासी समाज एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ेंगे ,तब तक प्राइवेट क्षेत्र में उन्हें आरक्षण का फायदा मिलने वाला नहीं है ।इसके लिए आरक्षित वर्ग की दूसरी जातियों को भी साथ में लिया जाए और मिलकर आंदोलन करें। जब तक आंदोलन नहीं करेंगे सरकार के कानों तक जूं रेंगेगी और प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण नहीं मिलेगा । यह बात फगन सिंह कुलस्ते ने जयपुर में आयोजित आदिवासी विकास परिषद के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर कही।

सरकारी विभागों का निजीकरण हो रहा है आरक्षित वर्ग का आरक्षण भी तय करना होगा

कुलस्ते ने कहा कि सरकार रेलवे, एयरपोर्ट ,रोडवेज ,हाईवे अथॉरिटी, सहित कई विभागों का निजीकरण कर रही है तो ऐसे में सरकार को निजीकरण के साथ ही आरक्षित वर्ग के लोगों का आरक्षण भी तय करना होगा वरना हमारे लोग बहुत पिछड़ जाएंगे। इसके लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन करना होगा।

मूवमेंट खड़ा करें

कुलस्ते ने कहा है कि प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए मूवमेंट खड़ा करना चाहिए सरकारी कंपनियों का निजीकरण हो रहा है, उनको लेकर सरकार कानून बनाती है तो रिजर्वेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा की आदिवासियों को अपने हक के लिए आगे आना होगा। निजी क्षेत्र में सरकारी कंपनियां भी आ रही है, ऐसे में प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए आंदोलन की जरूरत है ।हमें आक्रामक रुख मिलेगा इसलिए सामूहिक रूप से लड़ना पड़ेगा। कुलस्ते ने कहा कि वर्तमान में पदोन्नति, बैकलॉग भरने की चिंता करनी चाहिए। हमने बैंकलोग पर अन्य वर्गों की भर्ती पर आपत्ति जताते हुए संसदीय कमेटी के समक्ष चिंता जाहिर की है। वन क्षेत्र में जनजाति वर्ग को भू राजस्व अधिकार मिलने की बात उठाते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग के लोगों को एक्टिव होकर काम करने की जरूरत है, न्यायालय में अगर हमारे खिलाफ कोई पीआईएल लगती है तो हमें उसमें पार्टी बनना चाहिए।

चुनावों में दिखानी होगी ताकत

फगन सिंह कुलस्ते ने कहा कि आदिवासी समाज को चुनाव में ताकत दिखानी होगी। जब तक राजनीतिक दलों को आप अपनी एकजुटता का और ताकत का एहसास नहीं कराएंगे तो वह आपकी बात सुनने वाले नहीं है। आपके बिना हमारे बिना आपकी सरकार भी नहीं बनेगी यह बात मुख्यमंत्री के जेहन में भी होनी चाहिए। एमपी ,एमएलए सामूहिक रूप से एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएं ।चुनाव में प्रयास करने की जरूरत है कि अच्छे लोग हैं विधानसभा और लोकसभा में मुद्दा उठाएं।

ट्राईबल एडवाइजरी कमेटी का गठन


सम्मेलन में आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष के.सी. घुमरिया ने इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का स्वागत करते हुए आदिवासी समस्याओं को लेकर प्रस्ताव रखा जिसमें मुख्य रूप से राजस्थान के टीएसपी क्षेत्रों में संविधान की 5वीं अनुसूची को प्रभावी रूप से लागू करें, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग को संवैधानिक शक्तियां प्रदान की जाए, जनजाति वर्ग के आरक्षित पदों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाएं, राज्य में ट्राईबल एडवाइजरी कमेटी का गठन हो, प्राइवेट संस्थानों में आरक्षण प्रावधान लागू हो , भारतीय न्यायिक सेवा का गठन जिसमें एसटी,एससी को संवैधानिक आरक्षण मिले सहित 17 बिंदुओं पर प्रस्ताव पारित किया गया।

सम्मेलन में सांसद अर्जुन लाल मीणा, पूर्व सांसद में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमजी भाई डामोर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव अरविंद नेताम, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवाजीराव मोघे, झारखंड की पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव , आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष हनुमान सहाय सिरसी सहित देश भर के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी विकास परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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