लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
हेमराज तिवारी वरिष्ठ पत्रकार
क्या WWIII वास्तव में शुरू हो चुका है?
दुनिया आज एक बड़े भू‑राजनीतिक संक्रमण के दौर से गुजर रही है, जहाँ एक तरफ मध्य-पूर्व में संघर्ष तेज हुआ है, तो दूसरी तरफ पूर्व-औद्योगिक महाशक्ति चीन, रूस और भारत-पाकिस्तान जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ी भी सक्रिय हैं।
हालिया घटनाओं ने “WWIII शुरू हो चुका?”—इस सवाल को वैश्विक चर्चित विषय बना दिया है।
1. मध्य-पूर्व की आग: अमेरिका-इस्लामिक प्रक्षेपण
अमेरिकी हवाई हमले और ईरान की प्रतिक्रिया
हाल ही में खबर आई कि अमेरिका ने ईरान के Fordow, Natanz, Isfahan में स्थित बनकर-बस्टर बमों से बनी हुई नाभिकीय सुविधाओं को निशाना बनाया ।
ईरान की “Revolutionary Guard” ने अमेरिका को रोषजनक जवाब दिया, कहा कि “युद्ध शुरू हो चुका है” और मध्य-पूर्व में अमेरिकी नागरिक सुरक्षा जोखिम में हैं ।
संभावित व्यापक विस्तार
ईरान ने इज़राइल और अमेरिकी मिलिट्री बेसों पर मिसाइल हमले करने की धमकी दी ।
रूस, चीन और उत्तर कोरिया के साथ ईरान के गठबंधन की खबरें सामने आईं, जिससे यूके-ग्रेट ब्रिटेन इत्यादि पश्चिमी शक्ति भी प्रतिक्रिया में आ सकती है ।
2. भू‑राजनीतिक गठबंधन: एक नया ‘शीत-युद्ध’?
मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव ने चीन‑रूस‑ईरान‑उत्तर कोरिया को एक “जल्दबाजी में गठबंधन” के रूप में मजबूत किया ।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से ले रहे हैं।
> “यह चिंताजनक है… मैं कोई मज़ाक नहीं कर रहा” — पुतिन ने २० जून, 2020 को कहा ।
3. वैश्विक ‘मिशन क्रीप’ का असली मतलब
जब एक क्षेत्रीय संघर्ष (जैसे इज़राइल–ईरान) किसी तीसरे देश की सीधी हिस्सेदारी ले लेता है, तो इसे “मिशन क्रीप” कहते हैं—और غرب की चिंताएँ यही बयान करती हैं ।
इज़राइल – ईरान संघर्ष में परिवर्तनों से बाकी शक्तियाँ भी निडर होकर कूद सकती हैं—जोकि WWIII का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
4. डिजिटल और साइबर मोर्चा
केवल मिसाइल या बम नहीं—साइबर युद्ध और संज्ञानात्मक (AI) हथियार की दौड़ अब युद्ध का नया चेहरा बन चुकी है ।
ईरान की धमकी है कि वह साइबर हमलों और आतंकवादी समूहों जैसे हाउथियों व़गैरह के माध्यम से भी कमज़ोर करेगा ।
5. वैश्विक तेल और आर्थिक तबाही
हालिया संघर्ष के चलते स्ट्रेट ऑफ़ हॉरमज़ में तेल की आवाजाही में बाधा आई है—जिससे २०% वैश्विक तेल सप्लाई बाधित हो सकती है ।
इससे दुनिया भर के बाजार डगमगा उठे हैं—उदाहरण के तौर पर, स्टॉक मार्केट और तेल मूल्य में सेंटीमीटर स्तर का उछाल देखा गया ।
6. जन‑आक्रोश का डिजिटल स्वरूप
Gen Z ने इस आपात स्थिति पर डार्क ह्यूमर के माध्यम से प्रतिक्रिया दी है—“क्या मेरे SHEIN ऑर्डर प्रभावित होगा?” जैसे मीम्स सोशल मीडिया पर छाए रहे ।
साथ ही विश्वव्यापी Google सर्च “World War III” में 2000% और “is the US going to war” में 5000% की वृद्धि हुई ।
7. टकराव या तीन नंबर की लड़ाई?
1. तो क्या WWIII शुरू हो गया?
अभी तक एक पूर्ण‑रूप से वैश्विक युद्ध वे रूप में शुरू नहीं हुआ।
लेकिन मध्य-पूर्व, पूर्वी यूरोप और एशिया‑प्रशांत में तीव्र टकरावों से इसकी शुरुआत के संकेत मिलते हैं ।
2. जहाज़ डूबने से पहले बचाव संभव?
पश्चिमी शक्तियों, संयुक्त राष्ट्र और यूके जैसे देशों के कूटनीतिक हस्तक्षेप का अभी असर दिख रहा है (जैसे Sir Keir Starmer की COBRA बैठक) ।
रूस और चीन सहित कई देशों ने मध्यस्थता की पहल की है; परंतु कोई स्पष्ट शांति संकेत अभी तक नहीं मिले ।
8. सत्य, भय और भविष्य की चुनौतियाँ
मध्य-पूर्व परिणाम अमेरिका‑ईरान सीधे टकराव में
लड़ाकू गठबंधन रूस‑चीन‑इरान सिकुड़ी कोशिश
आर्थिक असर तेल, स्टॉक मार्जिन, कच्चा दबाव
साइबर खतरा AI और मक़ैनिक तरह के हथियार
जन‑आक्रोश डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ह्यूमर
WWIII स्थिति पूर्ण‑वायुमंडलीय युद्ध नहीं, लेकिन वैश्विक संकट स्पष्ट
आज, यानी 22 जून 2025, हम तीसरे विश्व युद्ध के स्थायी दौर में नहीं हैं, लेकिन अरब-दुनिया और वैश्विक शक्तियों की सक्रिय संलिप्तता और “मिशन क्रीप” जैसी घटनाओं ने हमें उस गहराई में बड़ा जोखिम बना दिया है जहाँ यह विकास संभावित है।
क्या यह संघर्ष ठंडा हो जाएगा या गहराएगा?
AI हथियार और साइबर सुरक्षा के अर्थ।
वैश्विक तेल अर्थव्यवस्था और ऊर्जा नीति पर प्रभाव।
आम नागरिकों के लिए तैयारी — आर्थिक, सामाजिक और मानसिक।
आज तीसरे विश्व युद्ध की आरंभिक स्थिति स्पष्ट रूप से नहीं हुई है, परंतु विश्व को एक तीसरी वैश्विक लड़ाई की दहलीज पर लाया गया है।
मध्य-पूर्वीय संघर्ष, बड़े राज्यों का हस्तक्षेप, उनके गठबंधन और बढ़ता हुआ “साइबर/AI युद्ध” — सभी हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि भविष्य में क्या हो सकता।