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आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनने से आयुर्वेद औषधालय का कायाकल्प

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

नवीन कुमावत
किशनगढ़ रेनवाल। आयुष्मान आरोग्य मंदिर राजकीय आयुर्वेद औषधालय मंढा-भीमसिंह पिछले दो सालों में बहुत परिवर्तन हो गया है। पहले जहां एक खंडहरनुमा औषधालय लगता था वो अब आने वाले रोगियों के लिए संजीवनी केंद्र बन गया है।
अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर एवं एन.ए.बी.एच.ए. सर्टिफाई होने के कारण सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाएं बढ़ गई हैं। और अब भामाशाहों के सहयोग से औषधालय का भी कायाकल्प हो गया।
औषधालय में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ.मुकेश शर्मा ने बताया कि औषधालय में रोगियों के लिए रक्त परीक्षण द्वारा शुगर,हीमोग्लोबिन, मलेरिया, एआईवी, प्रेगनेंसी टेस्ट सहित अनेक जांच औषधालय में ही हो रही है। वर्तमान में विभिन्न रोगों की औषधियां भी उपलब्ध है, इसके साथ ही योग प्राणायाम करके ग्रामीणजनों को स्वस्थ रखने हेतु पायल कुमावत (महिलाएं योग प्रशिक्षक) एवं सायरमल यादव (पुरुष योग प्रशिक्षक) की सेवाएं भी निरंतर जारी है। औषधालय कंपाउंडर दिनेश कुमार सेपट ने बताया कि अभी लगभग 30 से 40 रोगी प्रतिदिन औषधालय में आकर अपना उपचार करवा रहे हैं। एक महिने मे लगभग 100 से 125 रक्त परीक्षण कर रोगियों को लाभ प्रदान करा रहे हैं। औषधालय प्रभारी डॉ.शर्मा ने बताया कि 30 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों के लिए प्रकृति-परीक्षण कर उनको वात पित्त कफ के आधार पर उनके शरीर के लिए कैसा आहार विहार करना चाहिए एवं कौन से रोग होने की संभावना ज्यादा रहती है, यह बताकर उनसे बचने के लिए उनको आहार-विहार, योग-प्राणायाम,दिनचर्या-ऋतुचर्य आदि के बारे में बताकर स्वस्थ रहने की सलाह भी दी जा रही है। औषध पादप वाटिका का निर्माण कर विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे अर्जुन गिलोय बील सदाबहार कनेर पत्थरचट्टा श्याम तुलसी अशोक सहित अनेक औषधीय पादप लगा रखे हैं, जिनसे आने वालों को औषधि के बारे में उसकी पहचान उसके प्रयोजन एवं उपयोग के बारे में जानकारी मिले। ए.एन.एम. पुष्पा कुमावत ने बताया कि आशा सहयोगिनियों से कस्बे के सभी घरों में सर्वे कर मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर एवं अन्य बीमारियों का पता लगाकर उन्हें आयुर्वेद उपचार के लिए औषधालय आने के लिए प्रेरित किया जाता है। आशा सहयोगिनी विमला शर्मा, सन्तोष, कौशल्या मंजू एवं सपना ने बताया कि आयुर्वेद उपचार से किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव न होकर व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है, और दीर्घायु जीवन जीता है। पूर्व वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य नागरमल शर्मा ने बताया केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं से औषधालय की सुविधाओं में विकास होने से आम जनमानस में आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़ेगा एवं आयुर्वेद अपना कर स्वस्थ और निरोगी जीवन जिया जा सकता है।

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