महात्मा गांधी अस्पताल में हुआ लिवर ट्रांसप्लांट

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जयपुर । राज्य के सबसे सफल अंग प्रत्यारोपण केंद्र महात्मा गांधी अस्पताल के चिकित्सकों ने हाल ही में लिविंग डोनर लिवर प्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। अब तक यहां पर राज्य में सर्वाधिक 17 लीवर प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं । इनमें से चार लिविंग डोनेशन तथा तेरह कैडेवर के जरिए प्राप्त लीवर से हुए हैं। जिनकी सफलता दर विश्व स्तरीय रही है । लीवर प्रत्यारोपण विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ विनय कपूर ने बताया कि जोधपुर की रोगी सुषमा माथुर लिवर फेलियर की अंतिम स्थिति में महात्मा गांधी अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपण के लिए पहुंची । करीब एक माह की गहन चिकित्सा के बाद उन्हें प्रत्यारोपण की स्थिति में लाया गया। विगत दस जुलाई को उनका लिवर प्रत्यारोपण हुआ । अपने लिवर का एक हिस्सा उनके बेटे अनमोल ने डोनेट किया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। रोगी ने अब सामान्य रूप से खानपान शुरू कर दिया। वहीं बेटे अनमोल को एक सप्ताह में छुट्टी दे दी गई । अब वह भी पूर्णतया स्वस्थ है।

अस्पताल के प्रमुख लिवर प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ शाश्वत सरीन ने बताया कि तीन साल पहले हुई पीलिया की सामान्य सी शिकायत ने बढ़कर लिवर सिरोसिस की भयानक बीमारी का रूप ले लिया था । रोगी के पेट तथा पैरों में पानी भरा हुआ था। सिरोसिस के कारण गुर्दों पर भी असर पड़ा हुआ था । जोधपुर में चिकित्सकों ने उनके जीवन की आशा छोड़ दी थी । 15 घंटे के ऑपरेशन में एक साथ दो ऑपरेशन थिएटर काम में लिए गए। एक में बेटे के लिवर का हिस्सा निकाला जा रहा था तो दूसरे ऑपरेशन थिएटर में मां के खराब लिवर को निकालकर नया प्रत्यारोपित किया गया। ऑपरेशन के बाद इन लक्षणों से रोगी को पूरी तरह निजात मिल गई है उनके गुर्दे भी सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। महात्मा गांधी अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपण की समर्पित टीम कार्यरत है जिसमें प्रो डॉ अजय शर्मा, डॉ शाश्वत सरीन, डॉ आनंद नगर, प्रोफेसर डॉ आर पी चौबे तथा हिपेटोलॉजिस्ट डॉ करण कुमार भी शामिल रहे ।

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