खंरटिया मठ में अब उत्तराधिकारी को लेकर निरंजन भारती और बुद्द भारती आमने- सामने

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

समदड़ी, बालोतरा। प्रेम सोनी वरिष्ठ संवाददाता। समदड़ी क्षेत्र के मठ खरंटिया मैं श्री श्री 1008 किशन भारती जी महाराज के देवलोक गमन के बाद वहां पर उत्तराधिकारी को लेकर खिंचतान जारी है। किशन भारती जी के पूर्व परम शिष्य निरंजन भारती महाराज ने अपनी सुरक्षा को लेकर समदड़ी थाने में नामजद लोगों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट पेश की है। वहीं 84 गांव का राजशाही मठ और पोकरण ठिकाना एवं जोधपुर हिज हाईनेस महाराज गजेंद्र सिंह दरबार का यह मठ सदियों से परंपरा के अनुसार चादर रस्म से चलता रहा है।

किशन भारती जी महाराज ने जीते जी घोषित किया निंरजन भारती को मठाधीश

जिस दिन किशन भारती जी महाराज का देवलोकगमन हुआ था उसी दिन ये बात सबको पता थी की निंरजन दास जी महाराज को किशन भारती जी ने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। उन्होंने सारी रस्में भी उसी तरह से अदा की। लेकिन अब

वहां पर किशन भारती जी के दो शिष्य निरंजन भारती और बुद्ध भारती महाराज के उत्तराधिकारी होने को लेकर दो भागों में दो गुट डिवाइड हो गए ।

जोधपुर दरबार ने भी भेजी चादर

वहीं जोधपुर दरबार द्वारा अपने प्रतिनिधि हनुमान सिंह खांगटा के द्वारा भिजवाई गई चादर मोहिवाड़ा मठाधीश राज भारती महाराज(धुमडा), हल्देश्वर धाम मठाधीश भीमगिरि महाराज, रामानंद सरस्वती महाराज मठाधीश उमरडाई, अलग दरबार झुपा मठ के महंत मृत्युंजय पुरी महाराज द्वारा छत्तीस कौम के सानिधिय में बुद्ध भारती महाराज को चादर भेंट की गई। जिस पर निरंजन भारती महाराज के साथ भी छत्तीस कॉम के लोगों ने एतराज जताया और इस चादर रस्म को नहीं मानते हुए विरोध किया ।

निरंजन भारती जी ने मांगी सुरक्षा

निरंजन भारती महाराज ने अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस जाब्ता मांगा जिस पर पुलिस ने वहां आरएएसी के जवान तैनात कर दिए हैं। वही जानकारी मिलने पर उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह खंगारोत, डीवाईएसपी नीरज शर्मा, तहसीलदार हनवंत सिंह देवड़ा भी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों से समझाइए की । लेकिन अभी तक दोनों पक्ष अपनी – अपनी बात पर अडिग है। मामला कहीं बिगड़ न जाए इसलिए वहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

निरंजन भारती के पास किशन भारती का वसीयतनामा भी

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निरंजन भारती जी महाराज को श्री श्री 1008 किशन भारती जी महाराज के जीवित होने पर उनको मठ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था और उनके पास किशन भारती जी महाराज का वसीयत नामा भी है। भविष्मय में मठ के उत्तराधिकारी को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं हो इसलिए किशन भारती जी महाराज ने जीते जी ही निरंजन भारती को उत्तराधिकारी घोषित कर उन्हें काम काज भी सौंप दिया था। ये बात आस- पास के ग्रामीण भी जानते है। वहां रहने वाले साधु संत भी जानते हैं।

बुद्द भारती को मठाधीश घोषित करने का विरोध

स्थानीय लोगों का कहना है की जब पूर्व में ही निरंजन भारती को उत्तराधिकारी घोषित किया जा चुका है तो फिर जिस तरीके से बुद्ध भारती महाराज को चादर भेंट की गई उस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। सर्व समाज ने भी इसका विरोध किया है। वहीं निरंजन भारती जी ने भी विरोध किया है। अब पुरा मामला प्रशासन की नजर में है। प्रशासन ही इस पर अंतिम फैसला करेगा।

सारा खेल खंरटिया मठ की संपत्ति का

दरअसल सारा खेल खंरटिया मठ की अरबों की संपत्ति का है। जिस पर सबकी नजर है। ऐेसे में विवाद तो होना ही था। अब देखना ये है कि असल बागडोर किसे सौंपी जाती है उसे जिन्हें किशन भारती ने जीते- जी घोषित किया था या फिर उसे जिसे बाद में कुछ लोगों के दबाव में घोषित किया गया है।

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