किसानों पर अत्याचार नहीं रुके तो राज्यपाल पद छोड़ देंगे- मलिक

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कौम वही तरक्की करती है ,जो तामील को तवज्जो देती है

ग्लोबल जाट समिट 2021 का समापन, तेजा फाउंडेशन ने पेश किए पाँच प्रस्ताव”

जयपुर। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि “कौमें वही तरक्की कर सकती है जो तामील को तवज्जो देती हैं ।” तेजा फाउंडेशन की ओर से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित “ग्लोबल जाट समिट 2021” में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने तेजा फाउंडेशन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए इनके रचनात्मक शैक्षिक कार्यों में समाज से दिल खोलकर सहयोग करने की अपील की । शिक्षा से ही समाज और देश प्रगति करता है, अतः दहेज, मृत्युभोज एवं शादियों में दिखावे पर होने वाले खर्च को कम कर इसे शिक्षा पर खर्च करने की अपील की । महामहिम राज्यपाल ने किसानों की समस्या पर भी अपने विचार रखे । उन्होंने कहा कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गई और उन पर अत्याचार नहीं रुके तो वे राज्यपाल पद से भी इस्तीफा दे देंगे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा, किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया।

जानवर मरने पर भी दिल्ली से शोक संदेश आता है 600 किसानों पर कोई नहीं बोला

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 600 लोग शहीद हो चुके हैं ।जानवर भी मरता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आता है ।महाराष्ट्र के अस्पताल में 5-7 लोग आग में मरे तो भी जल्दी से शोक संदेश आए किसानो के शहीद होने पर के कोई नहीं बोला !

किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का भरोसा दिलाए तो किसान मानें

मलिक ने ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसल को एमएसजी पर खरीदने की बात मान ले तो भी किसान मान जाएगा। किसान को एमएसपी से हर फसल का नीचे ही दाम मिलता है। एमएसपी पर कानून से कम पर किसान मानने वाला नहीं है। एमएसपी पर कानून कई लोग नहीं बनने देना चाहते हैं। क्योंकि इस कारण से किसी का नुकसान होता है ।उन्होंने यहां तक कहा कि अडानी का पानीपत में गोदाम बन गया। जब तक का पार्लियामेंट में कानून ही पास नहीं हुआ तब तक देश में अडानी के हजारों बनाम बन चुके थे।

लाल किले से सिखों- जाटों का भावनात्मक लगाव

मलिक बोले लाल किले पर झंडा फहराने का अधिकार प्रधानमंत्री का है । प्रधानमंत्री के बाद लाल किले पर झंडा फहराने का अधिकार किसानों का है । उन्होंने कहा कि लाल किले पर गुरु तेग बहादुर ने शहादत दी थी तो क्या उनकी संतानों को लाल किले पर झंडा फहराने का अधिकार भी नहीं है? सिखों और जाटों के लोकगीतों में भी लाल किले का उल्लेख मिलता है । लाल किला हमारे इमोशन का मामला है ।जाटों और सिखों का लाल किले से भावनात्मक लगाव भी है, ऐसे में यदि किसानों ने लाल किले पर झंडा पहरा दिया तो कोई अपराध नहीं किया!

तेजा फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस ग्लोबल जाट समिट 2021 में पद्म विभूषण साइंटिस्ट डॉ आर एस परोदा, ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया, UNO पुरस्कार विजेता पर्यावरणविद्ध प्रोफेसर श्याम सुंदर ज्याणी, इतिहासकार बलवीर सिंह करुण, आईएएस वीपी सिंह, जयपुर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा सहित कई विद्वानों ने हिस्सा लिया। स्वामी बजरंग आचार्य, महंत गोपालदास एवं श्रीमद गोपालदास महाराज का संत सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

इस दौरान तेजा फाउंडेशन के सचिव रामस्वरूप चौधरी ने जाट समाज की ओर से पांच प्रस्ताव प्रस्तुत किये; जिनमें राजा महेंद्र प्रताप को भारत रत्न देने, दिल्ली और जयपुर में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाने, अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना करवा कर संख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान करने, नशामुक्ति अभियान संचालन और जयपुर में एक वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव समाज के समक्ष रखा, जिसे सदन ने एक मत से अनुमोदित किया । समिट में तेजा फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों प्रो पेमाराम की राजस्थान के जाटों का वृहद इतिहास तथा बलबीर सिंह करुण द्वारा रचित तेजवंत तेजाजी महाकाव्य का भी विमोचन महामहिम राज्यपाल द्वारा किया गया ।

इस समारोह में यूपीएससी और आरपीएससी की विभिन्न परीक्षाओं में चयनित हुए समाज के युवाओं एवं विशिष्ट प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । तीन के बार के ओलम्पिक पदक विजेता देवेन्द्र झाझड़िया ने तेजा फाउंडेशन के रचनात्मक कार्यों से प्रभावित होकर शैक्षिक मिशन के लिए तेजा फाउंडेशन का ब्रांड एम्बेसडर बनने की घोषणा की ।

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