शिक्षक सिर्फ कार्मिक बनकर नहीं रहें, गुरु बने – जोराराम कुमावत

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

सुमेरपुर। अरविंद जोशी वर्तमान परिपेक्ष को देखते हुए यह आवश्यकता है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्मिक शिक्षक नहीं गुरू बनें। एक शिक्षक को सिर्फ वेतन लेकर विद्यालय में कार्य करने वाला कार्मिक नहीं बन कर एक ऐसा गुरू बनना चाहिये जो सदैव अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का ध्येय रखें। ये विचार जोराराम कुमावत केबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार ने सुमेरपुर ब्लॉक स्तरीय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक संस्थाप्रधान सत्रारंभ वाकपीठ के द्वितीय दिवस के सत्र में संस्थाप्रधानों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। मंत्री कुमावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि संस्थाप्रधानों एवं शिक्षकों को समाज में अपने आचरण एवं व्यवहार से भी एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिये।

इस अवसर पर उन्होनें शिक्षा विभाग को लेकर राज्य सरकार की वर्तमान एवं आगामी प्रस्तावित नीतियों के बारे में भी चर्चा की। उन्होनें बताया कि राज्य सरकार विद्यालय के रिक्त पदों को भरने के लिये लगातार प्रयासरत है। मुख्य अतिथि के रूप में श्री जोरा राम कुमावत केबिनेट मंत्री (पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग) राजस्थान सरकार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पाली चन्द्रप्रकाश जायसवाल तथा राहुलकुमार राजपुरोहित जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा पाली उपस्थित रहें। जायसवाल ने संस्थाप्रधानों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए विद्यालय प्रबन्धन के गुर बताये वहीं राजपुरोहित ने संस्थाप्रधानों को अपने कार्य के प्रबन्धकीय कौशल को उन्नत करने हेतु कुछ सुझाव प्रदान किये। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य भी उपस्थित रहे।

वाकपीठ में द्वितीय दिवस को सुमेरपुर ब्लॉक के राजकीय एवं निजी विद्यालयों के कुल 65 संस्थाप्रधानों ने भाग लिया। वाकपीठ के दौरान विभिन्न वार्ताकारों द्वारा शिक्षा विभाग में विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर अपनी वार्ताएं प्रस्तुत की गई एवं संस्थाप्रधानों द्वारा अपनी विभिन्न विभागीय बिन्दुओं पर चर्चा की। वार्ताकार के रूप में हजाराम प्रधानाचार्य राउमावि बांकली, रेखा भाटी प्रधानाचार्य राउमावि ढोला, विकम जानी आरपी सीबीईओ कार्यालय सुमेरपुर, मंजू तंवर प्रधानाचार्य एच.सी. बाफना स्कूल सुमेरपुर, चेतन विद्या मंदिर सुमेरपुर के संस्थाप्रधान द्वारा अपनी वार्ता दी गई।

वाकपीठ कार्यकारिणी अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह तंवर प्रधानाचार्य राबाउमावि तखतगढ़ ने बताया कि वाकपीठ के समापन सत्र में धन्नाराम सोलंकी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुमेरपुर विशेष आमंत्रित अतिथि रहे। वाकपीठ सचिव राजीव चारण प्रधानाचार्य राउमावि पोमावा ने मंच संचालन किया साथ ही संस्थाप्रधानों की विभिन्न समस्याओं पर अपने कुछ व्यवहारिक सुझाव भी दिये।

वाकपीठ कार्यकारिणी उपाध्यक्ष डिम्पल चौधरी प्रधानाचार्य राबाउमावि सुमेरपुर ने सेवानिवृत होने वाली प्रधानाचार्य पुष्पा मेन्दोला का बहुमान किया।

वाकपीठ कोषाध्यक्ष घीसूलाल गर्ग प्रधानाचार्य राबाउमावि कोसेलाव ने वाकपीठ के सफल आयोजन मे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

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