
जयपुर। रीट परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण में राजस्थान एसएससी को बड़ी सफलता मिली है। राजस्थान एसओजी ने रीट परीक्षा का पेपर लीक करने के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है । राजस्थान के एडीजी अशोक राठौड़ में प्रेस वार्ता में बताया कि रीट परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण मामले में उदाराम बिश्नोई और राम कृपाल मीणा को गिरफ्तार किया है। एसओजी की गिरफ्त में आए राम कृपाल मीणा ने ही शिक्षा संकुल स्थित पेपर संग्रहण केंद्र से परीक्षा से पहले पेपर निकाल कर 25 सितंबर 2021 को उदाराम विश्नोई को दिया था। इसके बदले उदाराम बश्नोई ने एक करोड़ 22 लाख रुपए देने की जानकारी सामने आई है। आरोपी उदाराम बिश्नोई ने बताया कि वह पेपर भजनलाल विश्नोई को उपलब्ध कराया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में भजनलाल विश्नोई की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इन दोनों आरोपियों का नाम सामने आया था। आरोपी राम कृपाल मीणा जयपुर में निजी शिक्षण संस्थान संचालित करता है । इससे पहले भी राम कृपाल मीणा द्वारा कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने की जानकारी सामने आई है।
अब तक 35 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में अब तक करीब 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है । एसओजी द्वारा उदाराम विश्नोई और राम कृपाल मीणा दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है । गिरफ्तार दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है ,एवं प्रकरण से जुड़े अन्य अभियुक्त गणों, लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों से पेपर लीक प्रकरण से जुड़े अन्य अभियुक्तों के बारे में गहन पूछताछ एवं अनुसंधान किया जा रहा है ज्ञातव्य है कि प्रकरण में एसओजी द्वारा रीट परीक्षा 2021 का पेपर आउट करने वाले मुख्य अभियुक्त उदाराम बिश्नोई, राम कृपाल मीणा को गिरफ्तार किए जा चुके है।
रीट के सफल अभ्यर्थियों पर लटकती तलवार
राजस्थान सरकार ने रीट परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है ।सफल अभ्यर्थियों की सूची भी जारी कर दी है लेकिन अब रीट के के पेपर लीक के खुलासे के बाद उसका सरकार की पूर्व परीक्षा ही रद्द करनी पड़ सकती है। क्योंकि जिस तरह से शिक्षा संकुल से पेपर लीक हुआ है, जाहिर सी बात है कि इस पेपर लीक प्रकरण में जो अभ्यर्थी है, जिन्होंने पढ़ाई करके पेपर दिया है उनके हितों पर कुठाराघात होगा। ऐसे में सरकार को इस पर विचार करके निर्णय लेना होगा। फिर से परीक्षा कराकर ही न्याय किया जा सकेगा।