
नाश्ते में दूध- जलेबी, पोहे, लंच में पनीर, दाल मक्खनी, कई तरह की मिठाईयां
जयपुर। राज्य में हो रहे 6 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की बाड़े- बंदी कर दी गई। सभी उम्मीदवारों को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की देखरेख में अलग- अलग होटलों में रखा गया है। बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों की जमकर खातिरदारी की जा रही है। सुबह दूध -जलेबी का नाश्ता तो दोपहर में पनीर , मिक्स वेज , दो – तीन तरह की मिठाईयां परोसी जा रही है। खाने- पीने में कोई कसर नहीं रह जाए इस बात का ध्यान रखने के लिए प्रभारियों के साथ सहयोगी भी लगाए गए है। जो इन उम्मीदवारों की गुटखे- बीड़ी – सिगरेट की मांग भी पूरी कर रहे है। क्योंकि बाड़े- बंदी में लाए गए उम्मीदवारों को अब परिवार के किसी भी सदस्य से संपर्क नहीं साधने दिया जा रहा है। पहले दो दिन तो सबको घर ये बताने दिया गया कि वे सुरक्षित है चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन इसके बाद सभी के मोबाइल स्वीच ऑफ करा दिये गए। अब कोई भी उम्मीदवार अपने घर पर भी किसी से कोई बात नहीं कर सकता है। दिन भर होटल में रहना सुबह शाम को किसी मंदिर में किसी पर्यटन स्थल का साइट सीन कराना ये सब प्रभारियों की जिम्मेदारी है। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता के प्रवचन। ये प्रवचन जरुरी है क्योंकि अब जीतने वाले नेताओं के वोट कहीं -दूसरी पार्टी के खेमे में नहीं चले जाए इसलिए उनको पूरी घूट्टी पिलाई जा रही है। किसी- किसी नेता को शाम की तकान उतारने की आदत है तो उसे ठंडाई भी पिलाई जा रही है। जिससे दिमाग इधर- उधर डायवर्ट नहीं हो। कुल मिलाकर नतीजे आने तक नेता जी की इतनी खातिरदारी हो रही है जितने उनकी आज- तक किसी ने नहीं की होगी। इनमें से ज्यादातर ने तो पहली बार ही पांच सितारा होटल में कदम रखा है। ऐसे में उनकी सभी तरह की मिजाजपूर्सी की जा रही है। नतीजे आने के बाद हारने वालों को घर भेज दिया जाएगा और जो जीतेंगे उन्हें जिला प्रमुख, प्रधान और उपप्रधान बनने तक बाड़ेबंदी में ही रखा जाएगा। उन्हें जिला – प्रमुख और प्रधान और उपप्रधान बनने के बाद ही छोड़ा जाएगा। लेकिन तब तक उनकी सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी। नेताओं की चुनावी थकान उतारने के लिए कई होटलों में तो नाच- गाने का भी इंतजाम किया गया है।