जयपुर। आजाद भारत देश मे दलितों पर होते अत्याचार को को लेकर कानून तो बने लेकिन आज भी दलितों के साथ अत्याचार हों रहे। ऐसा ही मामला देखने को मिलता है दूदू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जड़ावता में जहा दलित परिवार के साथ सरकार के नुमाइंदों ने ही नियमों को ताक पर रखकर दलितों के निर्माण पर बुलडोजर चला दिया। जिसके बाद दलित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन इस दलित परिवार की सुनने वाला कोई नहीं है। जयपुर जिले की दूदू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जड़ावता में एक दलित परिवार पर सरकार के नुमाइंदों ने नियमों को ताक पर रख वर्षों पुराना निर्माण ध्वस्त कर दिया। जब कि पीड़ित के पास आबादी क्षेत्र का ग्राम पंचायत द्वारा जारी 1990 का पट्टा होने के बाद भी उनका आशियाना उजाड़ दिया जाता है। केवल और केवल दलित होने का दंड दिया जाता है। इस पूरे मामले में जब मीडिया ने अधिकारियों से बात की तो सभी अपना पल्ला झाड़ते हुए एक दूसरे पर आदेश की पालना करने का बहाना बनाते नजर आए। ऐसे में सवाल उठता है कि सिर्फ राजनीतिक दबाव के चलते इस दलित परिवार पर नियमों को ताक पर रख निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया और अब सब मामले को दबाने में जुटे हैं।
पंचायत का पट्टा होने के बावजूद गरीब का आशियाना तोड़ा
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