जयपुर। राजस्थान में पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक लगातार बढ रहे दलित अत्याचारों के विरोध में प्रदेश के सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और प्रशासनिक अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक मोहनलाल लाठर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा । प्रतिनिधियों ने लाठर से मांग की कि प्रदेश में आजादी के 75 साल बाद भी दलित समाज के साथ में अत्याचार हो रहे हैं । आए दिन दलितों को घोड़ी से उतारने ,उनके साथ मारपीट करने, महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने, विरोध करने पर घर जलाने, लूटपाट करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया है। इसको लेकर दलित समाज में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है।
सरकार के मुखिया भी खामोश
पूर्व आईएएस अधिकारी रहे महेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने लाटर को ज्ञापन सौंपा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर सख्ती बरतने की मांग की। महेंद्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस सरकार में लगातार दलित वर्ग पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। यह शर्मनाक है सरकार के मुखिया की चूपी भी इन अपराधियों के हौसले बुलंद कर रही है। ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी इस मामले में इस तरह के अपराधियों पर सख्ती बरतने के निर्देश देने चाहिए ,जिससे लोगों में भय व्याप्त हो।
सीएस आर्य से भी मिल चुका प्रतिनिधि मंडल
पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह ने बताया कि दलित अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल 5 दिसंबर 2021 में राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य से भी मिल चुका है। उनको भी प्रदेश में दलित समाज पर लगातार बढ़ रहे अत्याचारों को लेकर रोकने की मांग की है । साथ ही जिन अधिकारियों के इलाके में इस तरह के अपराध हो रहे हैं । उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने और उन्हें जिम्मेदारी देने की मांग भी की है। लेकिन आज तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि पिछले एक साल में ही 100 से अधिक दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारा गया । उनके साथ मारपीट की गई। अगर विवाह पुलिस कस्टडी में हो भी गया तो उसके बाद वह आज तक खोप में जीने के लिए मजबूर है । क्योंकि पुलिस ने दबंग लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं की है ,इसको लेकर पूरे वर्ग में सरकार के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश बढ़ रहा है।
ये थे प्रतिनिधि मंडल में शामिल
प्रतिनिधि मण्डल जिसमें पूर्व आईपीएस जसवंत सम्पतराम, पूर्व न्यायाधीश एवं मानवाधिकार आयोग सदस्य आर के आकोदिया पूर्व आईएएस एस एस पवांर , सेवा निवृत्त आईपीएस के एल बेरवाल ,पूर्व वाणिज्य अतिरिक्त आयुक्त, मदनलाल दूधवाल , एवं पूर्व आईपीएस यादराम फाॅसल शामिल थे।