डॉक्टर ,नर्स, नदारद GNM के भरोसे चल रहा है अस्पताल
डीग। ( मुकेश सैनी वरिष्ठ संवाददाता) डीग जिले के खोह क्षेत्र में अधिक आबादी होने के बावजूद भी स्थानीय लोगों को अस्पताल में नहीं मिल पा रहा है इलाज। इस दौरान स्थानीय लोग झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा इलाज कराने को मजबूर है।
खोह अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के चलते सप्ताह में एक दिन ही चिकित्साक अस्पताल में आता है, जिससे सप्ताह में एक दिन ही मरीज को लाभ मिल पा रहा है।
उच्च अधिकारियों का कहना है कि ऊपर से ही डॉक्टर की कमी चल रही है डॉक्टर लग जाएंगे तो सेवाएं दी जाएगी।
वहीं के स्थानीय लोग अस्पताल में डॉक्टर नही होने के कारण झोला छापों की शरण में जाने को मजबूर है। झोलाछाप डॉक्टर मरीज से मनचाहे पैसे वसूल रहे है। डॉक्टरों की अपनी निजी लैब पर ही जांच के नाम पर मरीज को धड़ल्ले से लूट रहे हैं। गांव के भोले भाले लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज के जाते हैं तो झोलाछाप मन मर्जी के पैसे वसूल करते हैं। खुद की ही लैब में जांच करते हैं जबकि ना तो खुद के पास डॉक्टर की डिग्री है, न, हीं लैब चलाने वालों के पास फार्मास्यूटिकल की डिग्री ।लेकिन ग्रामीण इलाकों में इनको देखने वाला, चेक करने वाला कोई नहीं है । सबसे बड़ी कमी है सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं होने के कारण, नर्स नहीं होने कारण लोग मजबूरी में इलाज के लिए इन झोलाछापों के पास जाते हैं। इसीलिए आए दिन इन झोलाछापों के पास मरीजों की मौत भी होती रहती है। कुछ मामले समाचार पत्रों और मीडिया की सुर्खियां में आ जाते हैं तो सरकार के सामने आ जाते हैं ,वरना तो लोग ईश्वर की गति समझ कर ही तसल्ली कर लेते हैं। खोह क्षेत्र मैं अधिक आबादी होने के कारण एक दर्जन से ज्यादा झोलाछाप सा क्लीनिक खोलकर भोली भाली जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं लेकिन सरकार भी कार्रवाई तब करें जब उनके पास संसाधन हो । इन झोलाछाप डॉक्टरों को प्रशासन का बिल्कुल भय नहीं है । स्वास्थ्य विभाग की टीम जब कार्रवाई पर जाती है तो पहले ही फोन से सूचना लीक हो जाती है ऐसे लगता है प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कहीं न कहीं मिली भगत के कारण ये अवैध क्लिनिक बैखौफ होकर चल रहे हैं । मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। क्या प्रशासन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और नर्स और अन्य स्टाफ प्राप्त कर कर उन्हें सही इलाज सही इलाज देगा या फिर भोली भाली जनता इन झोलाछाप जो अपने आप को डॉक्टर कहते हैं बगैर किसी डिग्री के दुनिया का इलाज करते हैं इन्हीं के हाथों अपना स्वास्थ्य खराब करते रहेंगे जिंदगी दांव पर लगाते रहेंगे मुकेश सैनी की रिपोर्ट।