उफनता नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

0
- Advertisement -

दुर्ग, छत्तीसगढ़ । (धर्मेंद्र गुप्ता संवाददाता) दुर्ग जिले में लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। जिसके चलते आम जन जीवन अस्त व्यस्त है। वहीं धमधा ब्लॉक के ग्राम पंचायत भांठाकोकड़ी के आश्रित ग्राम मुड़पार में ग्रामीणों को एवं स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ रहा है।


कई परिजनों ने अनहोनी के डर से बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि हर साल उन्हें इस तकलीफ का सामना करना पड़ता है इसलिए कुकरी नाले पर पुल का निर्माण किया जाना चाहिये।


दरअसल, मुड़पार गांव के एक तरफ आमनेर नदी और दूसरी तरफ कुकरी नाला है। यहां केवल प्राथमिक कक्षा तक ही स्कूल है। आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर घोटवानी गांव जाना पड़ता है। हर साल भारी बारिश के चलते नाले का जल स्तर बढ़ जाता है। जिसे पार कर बच्चे स्कूल जाते हैं। बारिश के मौसम में स्कूली बच्चों को नाले के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश के तीन महीने तक आधे से अधिक बच्चे स्कूल ही नहीं जा पाते हैं। कुछ बच्चे जान जोखिम में डालकर जाते हैं।


ग्रामीण का कहना ही बहुत ही मुश्किल से बच्चों को नाला पार कर स्कूल छोड़ने जाते है। हर दिन एक व्यक्ति बच्चों को नाला पार कराता है और इसमें बच्चों के कपड़े ल, किताब भींग जाते है, ग्रामीण मानते हैं कि बच्चों की शिक्षा जरूरी है लेकिन उन्हें यह भी पता है कि उफनते नाले को पार कर स्कूल भेजना जोखिम भरा फैसला होता हैं। नाले में पानी अधिक होने से कभी भी अनहोनी हो सकती है। बीते साल कूकरी नाले में एक बच्चा बह गया था। जिसे ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू कर बचाया था। उनकी मांग है कि मुड़पार गांव में भी हायर सेकेंडरी तक स्कूल होना चाहिए।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here