माण्डलगढ़-भीलवाड़ा। 5 अगस्त सोमवार को क्षेत्र के मेनाल झरने में रील बनाने के दौरान दो युवक पानी के बीच फंस गए थे। इस दौरान मशक्कत के बाद झरने पर आए पर्यटकों द्वारा एक युवक को बचा लिया गया वही एक युवक 150 फिट निचे झरने में जा गिरा। झरने में गिरे युवक के शव की तलाश स्थानीय प्रशासन द्वारा सोमवार से कर दी गई लेकिन शव नही मिला। मामले में बढ़ती देरी के चलते सिविल डिफेंस टीम, एसडीआरएफ से रवि कुमार व टीम एनडीआरएफ के कुल 50 जवानों द्वारा मेनाल झरने में गिरे युवक के शव को ढूढने में काफी मशक्कत की जिसमे तीसरे दिन आज बुधवार को टीम को सफलता मिली व परिजनों के साथ स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली।
बेगू उपखण्ड अधिकारी मनस्वी नरेश,पुलिस उपाधीक्षक अंजली सिंह,तहसीलदार धर्मेंद्र स्वामी,थानाधिकारी हमेरलाल सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी व कार्मिको के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन में टीमो ने सफलता प्राप्त की।
अभी भी जारी है मेनाल झरने पर सेल्फी व रील बनाने का क्रेज
मेनाल झरने पर नहाते व सेल्फी लेते समय कई हादसे घटित हो चुके है लेकिन मेनाल झरने पर आने वाले पर्यटकों पर इन घटनाओं का असर दिख नही रहा है। स्थानीय प्रशासन ने अपने स्तर पर मेनाल झरने पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए है लेकिन पर्यटकों इस ओर किनारा कर पुराने ढर्रे पर काबिज हो रहे है जो आशंकित घटनाओ को बढ़ावा देने की ओर इशारा कर रहा है।
स्थानीय प्रशासन से हुई चूक
सोमवार को मेनाल झरने में युवक के बहने के बाद मंगलवार को स्थानीय प्रशासन द्वारा पर्यटको की आवाजाही घटनास्थल पर रोक दी गई । आनन फानन में लोहे के पाइप,बांस की बल्लिया बांधकर पर्यटकों को झरने के उपर नदी के पानी मे जाने से रोक दिया गया वहीं पुलिस कर्मी भी तैनात कर दिए गए। यही सुरक्षा हादसे से पूर्व स्थानीय प्रशासन कर लेता तो झरने में बहे युवक की जान बच गई होती।
परिजनों ने की मदद की मांग-घटना में मारे गए कन्हैया लाल बैरवा के परिजनों ने राज्य सरकार से घटना को लेकर मदद की मांग की है। मृतक के छोटे भाई भेरूलाल बैरवा ने बताया कि परिवार में कमाने वाला उसका भाई कन्हैया लाल ही था परिवार का गुजर-बसर इसकी कमाई पर निर्भर था ऐसे में राज्य सरकार द्वारा मामले में राहत मिले तो परिवार को कुछ राहत मिल सकती है।